रायगढ़ में लैंडस्लाइड के बाद दबे थे 85 लोग:अब तक 53 शव निकाले गए, गांववालों को बाकी 32 लोगों के जिंदा होने की उम्मीद नहीं, ऐसे में रेस्क्यू ऑपरेशन रोकने की गुहार

47
महाराष्ट्र में रायगढ़

महाराष्ट्र में रायगढ़ जिले के महाड़ तालुका के तलीये गांव में 22 जुलाई की शाम 5 बजे हुई लैंड स्लाइड में 45 घर जमींदोज हो गए थे। इस हादसे में गांव के तकरीबन 90 लोग मलबे में दब गए थे, जिसमें से 53 के शव सोमवार सुबह तक बरामद कर लिए गए। 32 शव अभी भी दबे हैं। इनमें कई बच्चे और महिलाएं शामिल हैं। मलबा हटाने के लिए NDRF, SDRF और TDRF की टीमें लगातार काम कर रही हैं।

NDRF के मुताबिक, रविवार को यहां से 11 डेड बॉडीज निकाली गई है। तलीये गांव के सरपंच संपत चाडेकर ने कहा कि अब मलबे में दबे लोगों के जिंदा बचे होने की उम्मीद न के बराबर है। जो शव निकाले जा रहे हैं, वे बुरी तरह से खराब हो चुके हैं। इन्हें देखकर परिजन विचलित हो रहे हैं। इसलिए गांव के लोगों ने रविवार को मीटिंग में तय किया कि वे अब मलबे में दबे 32 शवों को नहीं निकालने देंगे। हादसे वाली जगह पर ही उनका सांकेतिक अंतिम संस्कार कर दिया जाएगा।

मुआवजे को लेकर लिखित आश्वासन चाहते हैं ग्रामीण
संपत चाडेकर ने कहा कि कुछ गांववालों का मानना है कि अगर शवों को बाहर नहीं निकाला गया तो उन्हें मुआवजा नहीं मिलेगा। ऐसे में प्रशासन हमें लिखित में दे कि शवों के नहीं मिलने पर भी मृतक के परिवार को मुआवजा दिया जाएगा।

जिला प्रशासन के लिए आसान नहीं है गांववालों की बात मानना
गांववालों की इस इच्छा पर जिलाधिकारी निधि चौधरी का कहना है,’यह जिला प्रशासन के लिए आसान निर्णय नहीं है। स्थानीय लोग चाह रहे हैं कि हम ऑपरेशन रोक दें और मलबे में बचे लोगों को मृत घोषित कर दें, लेकिन जिला डिजास्टर मैनेजमेंट टीम आखिरी शव के मिलने तक ऑपरेशन को जारी रखना चाहती है। ऐसा कई बार हुआ है कि ऐसी दुर्घटना के कई दिन बाद भी मलबे में से कुछ जिंदा लोग मिले हैं।

निधि चौधरी ने आगे बताया, ‘मैंने उन्हें समझाने के प्रयास किया हैं कि वे इस ऑपरेशन को चलने दें, लेकिन वे चाहते हैं कि हम इसे रोक दें। हम उनकी भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते हैं।’

लिखित सहमति के बाद ही प्रशासन रोकेगा रेस्क्यू ऑपरेशन
रविवार शाम को स्थानीय विधायक, जिला कलेक्टर, NDRF, SDRF और TDRF की टीमों के साथ तलीये गांव के कुछ लोगों ने चर्चा की है। तकरीबन दो घंटे की मीटिंग के बाद यह निर्णय लिया गया कि प्रत्येक लापता व्यक्ति के परिवार के सदस्य की आधिकारिक रूप से लिखित सहमति प्राप्त होने के बाद ही ऑपरेशन को आधिकारिक रूप से बंद कर दिया जाएगा। जब तक सहमती नहीं मिलती प्रशासन अपना प्रयास नहीं रोकने वाला है। सहमति पत्र मिलने के बाद जिला प्रशासन सभी के मृत होने का सर्टिफिकेट जारी करेगा।

एक भी सदस्य ने आपत्ति की तो जारी रहेगा ऑपरेशन: जिलाधिकारी
इस मामले पर स्थानीय विधायक गोगावले ने कहा कि सोमवार को एक और बैठक होगी और रिश्तेदारों के सहमति पत्र प्रशासन को सौंपे जाएंगे। जिला कलेक्टर ने कहा, ‘अगर परिवार का एक भी सदस्य आपत्ति करता है, तो ऑपरेशन जारी रहेगा।’

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here