छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें घटाने का फैसला क्या सच में था सरकार की भूल या लोगों को बनाया जा रहा था April फूल ?

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भारत सरकार ने छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें घटाने के अपने फ़ैसले को 24 घंटे से भी कम समय में वापस ले लिया जिसकी सोशल मीडिया पर ख़ासी चर्चा हो रही है. साथ ही विपक्ष के नेताओं ने भी इस पर तंज़ कसा है.सरकार ने बुधवार को वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कटौती करने का ऐलान किया था.

सीतारमण ने ट्वीट करके कहा, ”भारत सरकार की लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरें उन दरों पर बनी रहेंगी, जो 2020-2021 की अंतिम तिमाही में मौजूद थीं. ओवरसाइट की वजह से जारी आदेश वापस ले लिए जाएंगे.” इससे पहले एक फैसले में वित्त मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही के लिए लघु बचत दर में 3.5 प्रतिशत की कटौती की घोषणा की थी.

जनवरी-मार्च के दौरान छोटी बचत दर सालाना 4 प्रतिशत थी.राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ”पेट्रोल-डीज़ल पर तो पहले से ही लूट थी, चुनाव ख़त्म होते ही मध्यवर्ग की बचत पर फिर से ब्याज कम करके लूट की जाएगी. जुमलों की झूठ की, ये सरकार जनता से लूट की!”

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