मारुति सुजुकी इंडिया पर छाए संकट के बादल, कंपनी पर लगा 71 करोड़ रूपए की हेरफेर का आरोप

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देश की सबसे बड़ी ऑटो कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (MSIL) को डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (DRI) और कस्टम विभाग ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कंपनी को सियाज, अर्टिगा और एस-क्रॉस में इस्तेमाल होने वाली हाइब्रिड टेक्नोलॉजी पर करीब 71 करोड़ रुपए की ड्यूटी नहीं चुकाने का आरोप है।

न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक यह मामला 2019 में प्रकाश में आया था, जब इस मामले में लखनऊ डीआरआई ने जांच शुरू की तो पता चला कि मारुति सुजुकी कंपनी मोटर जनरेटर यूनिट (एमजीय़ू) या स्मार्ट हाइब्रिड व्हीकल फ्रॉम सुजुकी (SVHS) टेक्नोलॉजी वाले इंजन के लिए अल्टरनेटर का प्रयोग कर रही है। जांच एजेंसी का कहना है कि यह तकनीक पूरी तरह से हाइब्रिड टेक्नोलॉजी नहीं है।

सरकार ने 2017 में कारों में हाइब्रिड टेक्नोलॉजी के निर्माण पर वाहन निर्माता कंपनियों को सीमा शुल्क में छूट देने का एलान किया था। टैक्स एजेंसियों का कहना है कि इस तकनीक का इस्तेमाल बैटरी से चलने वाली इलेक्ट्रिक मोटर और इंटरनल कंबशन इंजन को चलाने के लिए उपयोग किया जाता है, लेकिन इसमें माइक्रो हाइब्रिड मोटर व्हीकल को ‘स्टार्ट और स्टॉप’ टेक्नोलॉजी को शामिल नहीं किया गया है, जो सिर्फ खड़े वाहन में ही बैटरी से चलने वाली मोटर का इस्तेमाल करते हैं।

 

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