कोरोना की दूसरी कहर के बीच मुंबई में कोरोना के नए मामलों में अब कमी देखी जा रही है. मुंबई में कोविड के नए मामलों को कैसे नियंत्रित किया गया और अफरातफरी से बचा गया, इसकी जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी. मुंबई में सोमवार को 1794 लोग, रविवार को 2403 लोग और 2678 लोग कोरोना से संक्रमित हुए थे.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा, ”मुंबई एक बड़ा शहर है. वहां कॉरपोरेशन (बीएमसी) और राज्य सरकार ने जो कदम उठाए वहां के प्रोसेस को आसान किया . हम बताना चाहते हैं. कंट्रोल रूम जो उनका था, मुंबई कॉरपोरेशन के स्तर पर न करते हुए, उसको 24 वॉर्ड में 24 कंट्रोल रूम बनाए गए.”
उन्होंने आगे कहा, ”जितने भी कोरोना टेस्ट रिजल्ट आते थे, उन टेस्ट रिजल्ट को मेन कंट्रोल रूम में भेजा गया. उसके बाद सभी कंट्रोल रूम में न सिर्फ फोन ऑपरेटर, वहां डॉक्टर और अन्य स्टाफ भी तैनात किए गए. एंबुलेंस को तैनात किया गया.”
लव अग्रवाल ने कहा कि जैसे ही मरीजों को अस्पताल की जरूरत महसूस होती. मरीजों को एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया जाता. इस प्रोसेस की वजह से काफी राहत मिली. मुंबई में 800 एसयूवी को भी एंबुलेंस बनाया गया. इसे आईटी ऑपरेशन के द्वारा मॉनिटर किया जाता था. अस्पताल में बेड पता करने के लिए, एक सेंट्रलाइज डैशबोर्ड बनाया गया. ताकि मरीजों को परेशानी नहीं हो.
उन्होंने आगे कहा कि भारत सरकार के दिशानिर्देश के अनुसार इस तरह के बहुत से प्रांतों में भी इस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं. लव अग्रवाल ने कहा कि महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़ समेत 18 राज्यों में रोजाना संक्रमण के मामलों में गिरावट देखी जा रही है.
उन्होंने कहा कि नाइट कर्फ्यू और लॉकडाउन की वजह से केस में कमी आ रही है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि लोग लापरवाही बरतें. अभी भी पूरी सावधानी रखनी होगी. सभी का सहयोग जरूरी है.