दतिया, एएनआइ। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को बाढ़ प्रभावित इलाके से निकाल लिया गया है। मिश्रा बुधवार को मध्य प्रदेश के बाढ़ प्रभावित दतिया जिले में भारतीय वायु सेना (IAF) के हेलीकॉप्टरों द्वारा एयरलिफ्ट किए गए लोगों में शामिल रहे। मिश्रा दतिया जिले के बाढ़ प्रभावित गांव में फंस गए थे। वे वहां पहले से फंसे हुए लोगों की मदद के लिए गए थे। बता दें कि मध्य प्रदेश में शिवपुरी, श्योपुर, ग्वालियर और दतिया बाढ़ से प्रभावित जिले हैं।
3 अगस्त को, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से बात की थी, जिन्होंने बाढ़ प्रभावित राज्य को हर संभव मदद का आश्वासन दिया था। इसके बाद 4 अगस्त को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चौहान से बात की और बाढ़ प्रभावित राज्य को भी हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
3 अगस्त को बाढ़ प्रभावित जिलों में भारतीय सेना की एक-एक टुकड़ी को तैनात किया गया था। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमों ने भी शिवपुरी, दतिया और श्योपुर में बचाव अभियान चलाया। वहीं, इससे पहले आज, भारतीय वायु सेना (IAF) ने दतिया में एक मंदिर की छत पर फंसे 7 लोगों को बचाया है।
मध्यप्रदेश में भारी बारिश के बाद आइ बाढ़ से राज्यवासियों का हाल बेहाल है। मध्य प्रदेश में ग्वालियर-चंबल क्षेत्र भारी बारिश के बाद बाढ़ की चपेट में है। इस कारण वहां के 1,000 से ज्यादा गांवों में बाढ़ आ गई है। इन क्षेत्रों में से अधिकांश श्योपुर और शिवपुरी जिलों में स्थित हैं। भारतीय सेना, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के साथ आपदा प्रबंधन अधिकारियों की सहायता के लिए बचाव प्रयास में उतरी हुई है।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बताया है कि कई हजारों लोगों को बचाया गया है। सीएम ने कहा कि बारिश कम हो गई है और जलस्तर कम होने लगा है। हालांकि, शिवपुरी में हमारी संचार व्यवस्था चरमरा गई है। हमने बुनियादी ढांचे को बहाल करने की कोशिश करने के लिए दूरसंचार मंत्रालय से संपर्क किया है। मैं केंद्र के संपर्क में हूं।
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने शिवपुरी, श्योपुर, गुना और दो अन्य जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। साथ ही क्रमशः नौ और आठ जिलों के लिए ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है। चंबल, सिंध, नर्मदा और पार्वती जैसी नदियां उफान पर हैं। मध्य प्रदेश के सबसे अधिक प्रभावित ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में भारी वर्षा होने की संभावना जताई गई है। बुधवार तक कम दबाव का सिस्टम धीरे-धीरे कमजोर होने की संभावना जताई गई थी। हालांकि, 5 अगस्त तक इस क्षेत्र में भारी बारिश के साथ व्यापक वर्षा होने का अनुमान है। पश्चिम मध्य प्रदेश को ‘ऑरेंज अलर्ट’ के तहत रखा गया है।