तो क्या सच में गाजीपुर बॉर्डर पर किसान संगठनों का आंदोलन पड़ रहा है कमज़ोर ? यहाँ पढ़े पूरी खबर

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केंद्र सरकार के कृषि कानून (Agricultural law) के विरोध में पिछले 80 दिनों से दिल्‍ली के अलग-अलग बॉर्डर्स पर चल रहे आंदोलन की बीच गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पर आज कुछ अलग ही नजारा देखने को मिला. आज सुबह से ही गाजपुर बॉर्डर पर किसानों की संख्‍या न के बराबर दिखाई दे रही है.

आंदोलन से दिल्ली के बॉर्डर सील हैं. देश की राजधानी में हरियाणा और यूपी से आने वालों के लिए सीधा और आम रास्ता बंद है लेकिन सवाल आखिर कब तक. आखिर कब तक दिल्ली के बॉर्डर के करीब रहने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा. ये जानने के लिए एबीपी न्यूज की टीम सिंघु गांव पहुंची.

सिंघु गांव उस सिंघु बॉर्डर के करीब बसा है जो पिछले ढाई महीने से इस आंदोलन का मुख्यालय है. जहां किसान आंदोलन की दिशा-दशा तय होती है. भविष्य के प्लान और रूपरेखा तैयार होती है. इसमें उनको होने वाली साफतौर नजर आई. ढ़ाई महीने से चल रहे आंदोलन से उसके करीब रह रहे लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यहां के रहने वाले मनोज सिंह ने जो परेशानी बताई वो इस हाईवे से सटे गांव के हर शख्स की समस्या है.

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