महिला कर्मचारी से यौन शोषण करने के आरोप में पूर्व CJI रंजन गोगोई को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से मिली बड़ी राहत…

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सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पूर्व चीफ जस्टिस ( CJI) रंजन गोगोई के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न और शीर्ष अदालत के बेंचों के ‘फिक्सिंग’ जैसे मामलों में फंसाने की ‘बड़ी साजिश’ की स्वत: संज्ञान से शुरू की गई जांच को बंद करने का फैसला किया।2019 में तत्कालीन चीफ जस्टिस गोगोई पर एक महिला कर्मचारी ने यौन शोषण का आरोप लगाया था.

वर्तमान चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े की अध्यक्षता वाली 3 जजों की आंतरिक कमिटी ने आरोप लगाने वाली महिला समेत मामले से जुड़े सभी लोगों के बयान लिए. तथ्यों की जांच की और जस्टिस गोगोई को निर्दोष पाया.

जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि लगभग दो साल बीत चुके हैं और जांच के लिए इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड प्राप्त करने की संभावना बहुत कम है।

उसी दौरान एक वकील उत्सव बैंस ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर साज़िश का दावा किया. उन्होंने कहा कि यह पूरा मामला सख्त फैसले ले रहे चीफ जस्टिस और सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ बड़ी साजिश का हिस्सा है. बैंस के लगाए आरोपों की जांच पूर्व जस्टिस पटनायक को सौंपी गई थी. इस कमिटी ने अक्टूबर 2019 में अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी. इसे आज कोर्ट में रखा गया.

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