कृष्णानगर में युवती द्वारा जमकर पीटने के बाद कैब चालक को ही हवालात में डालने और फिर कोतवाली पहुंचे चालक के दो भाइयों को भी बंद करके शांतिभंग में तीनों पर कार्रवाई करने के बाद कैब छोड़ने के नाम पर दस हजार रुपये वसूलने के मामले की शुरुआती जांच में कई पुलिसकर्मी दोषी पाए गए हैं। पुलिस कमिश्नर ने जांच रिपोर्ट मिलने पर इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है।
मालूम हो कि वजीरगंज के जगत नारायण रोड निवासी उबर कैब चालक सआदत अली सिद्दीकी को शुक्रवार रात कृष्णानगर में अवध हॉस्पिटल चौराहे पर प्रियदर्शनी नाम की युवती ने जमकर पीटा था। इसका वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने पर लोगों ने प्रियदर्शनी के खिलाफ ट्विटर पर अभियान छेड़ दिया था। हैशटैग के साथ अरेस्ट लखनऊ गर्ल ट्रेंड करने लगा। इंटरनेट मीडिया पर लोग युवती के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने भी हस्तक्षेप करते हुए यूपी पुलिस को ट्वीट कर निष्पक्ष जांच व कार्रवाई की मांग की थी।
इस पर कैब चालक की तहरीर पर सोमवार को कृष्णानगर कोतवाली में आरोपी प्रियदर्शनी नारायण उर्फ लक्ष्मी निवासी केसरी खेड़ा कॉलोनी के खिलाफ लूट समेत अन्य धारा में मुकदमा दर्ज किया गया।
इस मामले में पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर का कहना है कि पुलिसकर्मियों पर लगे आरोपों की रिपोर्ट कृष्णानगर इंस्पेक्टर ने एसीपी आलमबाग व एडीसीपी (मध्य) को सौंपी है। इसमें कोतवाली में नाइट ड्यूटी पर मौजूद कुछ पुलिसकर्मियों को दोषी पाया गया है। रिपोर्ट आने पर इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
दो दरोगा समेत चार पुलिसकर्मी मिले दोषी
सूत्रों के मुताबिक, कैब चालक सआदत अली सिद्दीकी व उसके भाइयों के साथ नाइंसाफी के मामले की जांच में कृष्णानगर कोतवाली के दो दरोगा व दो आरक्षी दोषी पाए गए हैं। इंस्पेक्टर ने इन चारों पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट एसीपी व एडीसीपी (सेंट्रल) को भेजी है।