अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने के मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने लिया ये फैसला

27

अफ़्गानिस्तान को लेकर चल रही शांति वार्ता को बहुत बड़ा झटका लगा है. 24 अप्रैल को तुर्की में होने वाली अफ़्गानिस्तान और तालिबान के बीच बातचीत से पहले तालिबान ने ऐलान कर दिया है कि जब तक अमेरिकी फौज अफ़्गानिस्तान से पूरी तरह से वापस नहीं लौट जाते तब तक तालिबान अफ़्गान सरकार से कोई बातचीत नहीं करेगा.

अमेरिका के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी कि बाइडन प्रशासन ने अब सैनिकों को अफगानिस्तान में रहने देने के लिए नई समयसीमा के रूप में 11 सितंबर के हमलों की 20वीं बरसी को तय किया है।

अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं होने की शर्त पर बाइडन के इस फैसले की जानकारी दी। हालांकि इसकी आधिकारिक घोषणा अभी नहीं हुई है और आज यानी बुधवार को इस फैसले पर मुहर लग सकती है। अफगानिस्तान में अभी करीब 2500 अमेरिकी सैनिक हैं।

मगर वार्ता के सफल नहीं होने के चलते यह फैसला टलता रहा। अब अमेरिका ने 9/11 की 20वीं बरसी के दिन को नई तारीख के रूप में चुना है। अमेरिकी सरकार में एक शीर्ष अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि बाइडेन ने कई हफ्तों पहले ही इस संबंध में संकेत देने शुरू कर दिए थे.

रमजान के बहाने तुर्की में होने वाली बातचीत टल जाए ताकि 1 मई तक अफ़्गानिस्तान से पूरी तरह से फौजों को वापस बुलाने के अमेरिका के पुराने डेडलाइन के बीतते हीँ तालिबान फिर से अपने हमले तेज़ कर सके.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here