इस्लामाबाद
पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान के ‘नया पाकिस्तान’ में अब विदेशी राजनयिक भी सुरक्षित नहीं हैं। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के एक भीड़ भरे बाजार से अफगानिस्तान के राजदूत नजीबुल्लाह अलीखिल की बेटी सिलसिला का अपहरण कर लिया गया। करीब 5 घंटे तक सिलसिला के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। उनकी हड्डियां तक तोड़ दी गईं। इस खौफनाक घटना के बाद भी शर्मनाक हरकतों का दौर जारी रहा। सिलसिला अलीखिल की एक खून से सनी फर्जी तस्वीर को सोशल मीडिया में वायरल कर दिया गया। इसके बाद बाद बेबस बाप को अपनी बेटी की असली तस्वीर को जारी करना पड़ा।
अफगान राजदूत ने नजीबुल्लाह अलीखिल ने ट्वीट करके बताया कि शुक्रवार को मेरी बेटी का इस्लामाबाद से अपहरण कर लिया गया। अपरणकर्ताओं ने बहुत क्रूरतापूर्वक पिटाई की है लेकिन अल्लाह के रहम से मेरी बेटी बच गई है। वह अब अच्छा महसूस कर रही है। सिलसिला पर इस अमानवीय हमले की दोनों ही देशों के अधिकारी जांच कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कई लोग मेरी बेटी की फर्जी तस्वीर को सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं।
फर्जी तस्वीर पाकिस्तानी टिक टॉक स्टार गुल चाहत की
नजीबुल्लाह ने कहा कि सोशल मीडिया में वायरल यह तस्वीर फर्जी है। मैं उस महिला को नहीं जानता हूं। अब मुझे मजबूरन अपनी बेटी की तस्वीर को जारी करना पड़ रहा है। अफगान राजदूत ने जिस तस्वीर को जारी किया है, वह सोशल मीडिया में वायरल तस्वीर से बिल्कुल अलग है। बताया जा रहा है कि सोशल मीडिया में वायरल फर्जी तस्वीर पाकिस्तानी टिक टॉक स्टार गुल चाहत की है। गुल चाहत की खून से सनी तस्वीर को सोशल मीडिया में अफगान राजदूत की बेटी बताकर वायरल कर दिया गया।
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक सिलसिला को बुरी तरह से प्रताड़ित किया गया। उनके सिर पर प्रहार किए गए, कलाइयों और पैरों पर रस्सी से बांधे जाने के निशान हैं। करीब 5 घंटे बाद सिलसिला के हाथ और पैर बांधकर उन्हें इस्लामाबाद की एक सड़क पर फेंक दिया गया। उनके दुपट्टे के साथ एक टिश्यू पेपर और 50 रुपये का नोट बांधा गया। इसमें लिखा था, ‘कम्युनिस्ट अगला नंबर तेरा है।’
अफगान विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तानी राजदूत को तलब किया
बताया जा रहा है कि सिलसिला अलीखिल इस्लामाबाद के ब्लू एरिया में खरीदारी करने गई थीं। वह अपने छोटे भाई के लिए एक गिफ्ट खरीदना चाहती थीं। इस खौफनाक घटना के सामने आने के बाद अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तानी राजदूत को तलब करके शिकायत दर्ज कराई। माना जा रहा है कि इस हमले के पीछे तालिबान का हाथ है लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। तालिबान इन दिनों अफगानिस्तान में भीषण हमले कर रहा है और सरकारी अधिकारियों तथा सैन्य कमांडरों को निशाना बना रहा है।