सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन हुआ और तेज, देर रात ऐसे पलटी बाजी

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दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों और खुद को स्थानीय निवासी बता रहे लोगों के बड़े समूह के बीच शुक्रवार को झड़पें हो गईं। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।

प्रदर्शनकारी किसान पुलिस से भिड़ गए, बैरिकेड तोड़ दिए गए और लाल किला परिसर में प्रवेश करने से पहले पुलिस वाहनों पर हमला भी किया गया. लिहाजा पुलिस को भी लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले दागने पड़े. इस हिंसा की देशभर में निंदा हुई तो वहीं किसान संगठनों में भी अब गहरी दरार पैदा हो गई है.

सिंघु बॉर्डर प्रदर्शन स्थल पर आंदोलनकारी किसानों और स्थानीय लोगों के बीच हुई झड़प के दौरान दिल्ली पुलिस के एसएचओ नरेला व अलीपुर पर तलवार से हमला किया गया है। पुलिस घायलों को अस्पताल लेकर गई है। वहीं, हमला करने वाले आरोपी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।

पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान, 25 नवंबर 2020 से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा जमाए हुए हैं और न्यूनतम समर्थन मूल्य और केंद्र के तीन कृषि कानूनों को पूरी तरह से निरस्त करने की मांग पर अड़े हुए हैं. इस दौरान केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच 11 दौर की बातचीत भी हो चुकी है जो बेनतीजा रही है. सुप्रीम कोर्ट कृषि कानूनों पर दो साल की रोक लगा चुका है.

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