गणतंत्र दिवस के दिन राजधानी दिल्ली में किसानों की ओर से निकाली गई ट्रैक्टर रैली के दौरान कई जगह हिंसा हुई जिसकी संयुक्त किसान मोर्चा समेत कई राजनीतिक दलों ने निंदा की. मोर्चा ने हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि इससे हमारा आंदोलन कमजोर होगा कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (AAP) और शिवसेना जैसे राजनीतिक दलों ने भी हिंसा की निंदा की है.
अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ‘बीजेपी सरकार ने जिस प्रकार किसानों को निरंतर उपेक्षित, अपमानित व आरोपित किया है, उसने किसानों के रोष को आक्रोश में बदलने में निर्णायक भूमिका निभायी है। अब जो हालात बने हैं, उनके लिए बीजेपी ही कसूरवार है। बीजेपी अपनी नैतिक ज़िम्मेदारी मानते हुए कृषि-कानून तुरंत रद्द करे।’
तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता ने कहा कि किसानों को विश्वास में लिए बिना ही सरकार ने नए कृषि कानूनों को पारित कर दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों के साथ बातचीत करनी चाहिए और इन ‘तानाशाही’ कानूनों को निरस्त किया जाना चाहिए।
ममता ने ट्वीट में कहा, ‘दिल्ली की सड़कों पर होने वाली चिंताजनक एवं पीड़ादायक घटनाओं से बुरी तरह व्याकुल हूं। इस स्थिति के लिए केंद्र के असंवेदनशील रवैये और हमारे किसान भाइयों एवं बहनों के प्रति उदासीनता को दोषी ठहराया जाना चाहिए। पहले तो इन कानूनों को किसानों को विश्वास में लिए बिना पारित कर दिया गया। केंद्र को किसानों के साथ बातचीत करनी चाहिए और इन ‘तानाशाही’ कानूनों को निरस्त करना चाहिए।’